Ram Mandir Samachar: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरि महाराज ने काशी के विद्वान पं. से मार्गदर्शन लिया। कोषाध्यक्ष को संबोधित पत्र में द्रविड़ ने इस बात पर जोर दिया कि 15 जनवरी से मुख्य यजमान को सभी 45 नियमों का पालन करना होगा।
22 जनवरी को 84 सेकंड के शुभ अभिजीत मुहूर्त के दौरान होने वाला प्राण प्रतिष्ठा समारोह सनातनी और वैदिक परंपराओं का सख्ती से पालन करेगा। एक नामित जोड़ा इस आयोजन के लिए प्राथमिक मेजबान के रूप में काम करेगा, और उन्हें समारोह से पहले आठ दिनों के दौरान उपवास, जप, तपस्या, हवन, स्नान और धर्मार्थ कृत्यों सहित 45 नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा। इस दौरान यजमान लकड़ी की चौकी पर सोएंगे और ब्रह्मचर्य का पालन करेंगे। इन विनियमों का उद्देश्य पवित्र परंपराओं के अनुरूप एक परिवर्तित जीवनशैली स्थापित करना है।
Koshaadhyaksh ke niyam
- नित्य प्रात: स्नान, बाहरी भोजन वर्जित, बीड़ी-सिगरेट का त्याग।
- मन को विचलित करने वाले दृश्य पूरी तरह से वर्जित, खुद को शांत रखें, क्रोध न करें, अहंकार एवं मद से दूर रहना होगा, ब्राह्मणों को संतुष्ट रखना होगा।
- सच बोलना। सच बोलने में अड़चन होने पर मौन रहना होगा।
- आचार्य, ब्राह्मण और ऋत्विजों से झगड़ा, कठोर वचन व कटु भाषण का इस्तेमाल नहीं करेंगे। सद्विचार एवं सद्चिंतन करेंगे।
- पुरुष यजमान सिला हुआ सूती वस्त्र नहीं पहनेंगे। पत्नी लहंगा, चोली जैसे सिले वस्त्र पहन सकेंगी। स्वेटर, ऊनी शाल, कंबल धारण कर सकेंगे।
- नित्य का पूजन होने के पूर्व यजमान फलाहार कर सकते हैं। गरम व शीतल शुद्ध जल ले सकते हैं। बोतलबंद पानी व बर्फ वर्जित है।
- रात्रि में आरती के बाद सात्विक भोजन कर सकते हैं। रात्रि में सेंधा नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- हल्दी, राई, सरसों, उड़द, मूली, बैंगन, लहसुन, प्याज, मंदिरा, मांस, अंडा, तेल से बने पदार्थ, गुड़, भुजिया चावल, चना वर्जित है।
- औषधि व तांबूल ले सकते हैं। खाने-पीने की चीजें भगवान को भोग लगाकर प्रसाद रूप में ही ग्रहण करें।
- दोपहर में ब्राह्मणों को पहले आहार पर बैठाना चाहिए, उसके बाद यजमान आहार करें। रात्रि में भी इसी तरह करना होगा।
- दिन में शयन वर्जित है। शयन लकड़ी की चौकी पर करना होगा। खटिया पर बैठना, सोना वर्जित है।
- पुरुष को दर्भासन एवं कंबल तथा महिला के लिए कंबल, संपूर्ण कार्य होने के पूर्व रोजाना बिछौना पर बैठना वर्जित। रोज दाढ़ी एवं नख निकालना वर्जित
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